G20 खजुराहो शिखर सम्मेलन 2023:G20 khajuraho summit conference 2023:
G20 शिखर सम्मेलन 2023 में शामिल होने वाले विश्व के विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधि खजुराहो के सुंदर छवि को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए। गुरुवार शाम को वसुदेव कुटुंबकम के साथ अतिथि देवो भव के क्रम में इनका बुंदेली परंपरा के अनुसार तिलक लगाकर स्वागत किया गया। इसके बाद सभी प्रतिनिधियों ने मंदिर दर्शन किए। वहीं कुछ प्रतिनिधि शुक्रवार सुबह से ही खजुराहो के वैभव को देखने के लिए निकल गए।
सामान्य तथ्य:
जी-20 खजुराहो शिखर सम्मेलन, 2023
मेजबान देश- भारत
दिवस- 23 से 25 फरवरी 2023
Motto- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य
स्थल- खजुराहो(विश्व पर्यटन नगरी)
नगर- खजुराहो, भारत
प्रतिभागी- जी-20 के सदस्य देश
पूर्व सम्मेलन- जी-20 बाली शिखर सम्मेलन, 2022
आगामी सम्मेलन- जी-20 ब्राजील शिखर सम्मेलन,2024
छतरपुर मध्य प्रदेश:
- विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन की पहली बैठक में शामिल होने आए प्रतिनिधियों ने यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल खजुराहो के पश्चिमी समूह के मंदिरो का भ्रमण किया। प्रतिनिधियों ने लक्ष्मण मंदिर, कंदरिया महादेव मंदिर एवं विश्वनाथ मंदिर के दर्शन किए और इन मंदिरों की बनावट वास्तुकला को निहारा(देखा) एवं समझा।
- मंदिर परिसर में जी-20 प्रतिनिधियों का शानदार स्वागत हुआ और इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
बुंदेलखंड की बुंदेली परंपरा से किया गया स्वागत:
- G20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने आए प्रतिनिधियों ने पश्चिम मंदिर समूह में बने चंदेल कालीन मंदिरों का अवलोकन करने पहुंचे थे, जहां कड़ी सुरक्षा के साथ कारीगरों द्वारा मंदिरों पर उकेरी गई सभ्यता और विरासत का अवलोकन किया।
- प्रतिनिधियों का यहां की परंपरा से परिचित कराने के उद्देश्य बुंदेली नृत्य प्रस्तुति के साथ उनका तिलक लगाकर और बैठकर अभिवादन किया गया।
खजुराहो के वैभव को देखते G20 प्रतिनिधि:
खजुराहो में 2 दिनों से चल रहे जी-20 सांस्कृतिक समूह की बैठक में शामिल होने आए देशों के प्रतिनिधियों ने खजुराहो(पूर्व में खजूरपुरा) के वैभव के दर्शन किए। दिन के समय यहां के मंदिरों को देखा और शाम को खजुराहो नृत्य समारोह में भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य का लुफ्त उठाया।
Nice
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई; बागेश्वरधाम के आशीर्वाद तथा चंदेलों की धरा पावन नगरी में चेदि वंशजों का प्रभुत्व व छत्रसाल महाबली के पराक्रम के साथ संस्कृति को समझने के लिए प्रयास किया जा रहा है और अधिक उन्नत विश्व में कौतूहल के साथ ही साथ जिज्ञासाओं के समाधान के लिए धन्यवाद 🙏
ReplyDeletejay bundelkhand mai apne bundeli hone par abhiman vyakt karta hu jisme hamare pass jhansi ki rani jese veer or khajuraho jesi pavan bhoomi hai
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