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Umesh yadav father death (उमेश यादव फादर डेथ न्यूज़)

Umesh yadav father death उमेश यादव फादर डेथ न्यूज़। तेज गेंदबाज उमेश यादव के पिता का निधन, 74 साल की उम्र में ली अंतिम सांस।

  • सारांश:

  • उमेश यादव जी के पिता लंबे समय से बीमार थे और उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था। इस वजह से उन्हें एक घर में रखा गया उमेश के पिता ने 70 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली
  • इंडिया टीम के तेज गेंदबाज उमेश यादव के पिता का निधन हो गया। उमेश के पिता तिलक यादव ने 74 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली। अपने जमाने के पहलवान रहे तिलक लंबे समय से गंभीर बीमारी से ग्रसित थे। उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था। इस वजह से उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और वह अपने घर में ही रह रहे थे। नागपुर के निजी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान तिलक जी की हालत स्थिर बनी हुई थी। इसके बाद उन्हें घर ले जाया गया और बुधवार शाम उनका निधन हो गया।
  • तिलक जी के निधन से उनके तीनों बेटी और बेटों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उमेश के भाइयों का नाम कमलेश और रमेश है। तीनों भाइयों ने नागपुर की कोलार नदी के घाट पर अपने पिताजी का अंतिम संस्कार किया। यादव के पिता का जन्म उत्तर प्रदेश के पडरौना जिले में हुआ था। अपने समय में पहलवानी करते थे। उन्होंने काफी नाम भी कमाया।
  • वेस्टर्न कोलफील्ड्स में नौकरी के चलते तिलक नागपुर आ गए थे। वे खापरखेड़ा की बनी खदान में सपरिवार (पूरे परिवार) सहित रह रहे थे। यही रहते हुए उमेश यादव ने क्रिकेट खेलना शुरू किया और आगे चलकर टीम इंडिया में अपनी जगह बनाई।

  • टीम इंडिया का हिस्सा हैं उमेश यादव:

  • 35 साल के उमेश यादव लंबे समय से भारतीय टीम का हिस्सा बने हुए हैं। वह टेस्ट क्रिकेट में भारत के चौथे प्रमुख तेज गेंदबाज हैं। इसी वजह से उन्हें लगातार खेलने का मौका नहीं मिलता है। जसप्रीत बुमराह,मोहम्मद सिराज और मोहम्मद शमी के नहीं खेलने पर उमेश को मौका दिया जाता है। उन्होंने अपना आखिरी मैच बांग्लादेश के खिलाफ उसी सीरीज में खेला था।
 
उमेश ने भारत के लिए 54 टेस्ट 75 वनडे और टी20 मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने कुल 280 विकेट अपने नाम किए हैं। यादव के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी के चलते उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिलते हैं। उमेश स्विंग कराने में माहिर हैं और टेस्ट में भी काफी उपयोगी गेंदबाज हैं,लेकिन वनडे t20 में उनका इकोनामी रेट हमेशा ही चिंता का विषय बना रहता है। 

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