Skip to main content

रेनवॉटर हार्वेस्टिंग क्या है और आपको इसकी ज़रुरत क्यों है?(rain water harvesting kya hai)

 वर्षा जल संचयन(rain water   harvesting) क्या है - 


इस लेख में वर्षा जल संचयन के तरीके और फायदे  rain water हार्वेस्टिंग मैथर्ड एंड advantage इन हिंदी जानेंगे।

राशन कार्ड योजना 2022 क्या है?

 इसमें हमने रेनवाटर हार्वेस्टिंग क्या है? संग्रहण के उपाय के बारे में पूरी जानकारी को दिया है। आज की दुनिया में पानी का उपयोग बड़े पैमाने पर लाया जाने लगा है। (इसका मतलब औद्योगिक क्षेत्र बाहुल) ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्थापित होने लगा है। जल संरक्षण के विषय में हमें जल्द से जल्द सोचना होगा क्योंकि, जल ही जीवन है। आज ना सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में बोरवेल बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी कई बड़े कल कारखानों में पानी का उपयोग अत्यधिक होने के कारण भी पानी की किल्लत होने लगी। ऐसे में घरेलू और व्यवसायिक उपयोग के लिए वर्षा जल संग्रहण करना सबसे आसान और बेहतरीन तरीका माना जाता है। भगवान की कृपा से प्रतिवर्ष थोड़ी बहुत बरसात हर क्षेत्र में होती है। ऐसे में कुछ चीजों का ध्यान और प्रक्रियाओं के माध्यम से हम वर्षा के जल को संरक्षित करके रख सकते हैं।

E श्रम कार्ड 2022 क्या है? पूरी जानकारी-

वर्षा जल संचयन क्या है-



 वर्षा जल संचयन या रेन वाटर हार्वेस्टिंग एक ऐसी प्रक्रिया है। जिसमें हम बरसात के पानी को जरूरत की चीजों में उपयोग कर सकते हैं। वर्षा के पानी को एक निर्धारित किए हुए स्थान पर जमा करके हम वर्षा जल संचयन कर सकते हैं। इसको संग्रहित करने के लिए कई प्रकार के तरीके हैं। जिनकी मदद से हम रेनवाटर हार्वेस्टिंग कर सकते हैं। इन तरीकों में जल के मिट्टी तक पहुंचने से पहले जमा करना जरूरी होता है। इस प्रक्रिया में शामिल वर्षा जल को संचयन करना के साथ-साथ स्वच्छ बनाना भी शामिल होता है। वर्षा जल संचयन कोई आधुनिक तकनीक नहीं है। यह कई वर्षों से उपयोग में लाया जा रहा परंतु धीरे-धीरे इसमें भी नई टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ता चला जा रहा है। ताकि रेन वाटर हार्वेस्टिंग आसानी और बेहतरीन तरीके से हो सके।

Google हमारे बारे में क्या जानता है? क्या रहना चाहिए सतर्क?

वर्षा जल संचयन के तरीके व उपाय -

 वर्षा जल संचयन करने के कई तरीके हैं। इनमें से कुछ तरीके वर्षा जल संचयन करने में बहुत ही कारगर साबित हुए हैं। संचयन किए हुए वर्षा जल को हम व्यवसाय और साथ ही घरेलू उपयोग में भी ला सकते हैं। इन तरीकों में कुछ तरीकों के जमा किए हुए पानी को हम घरेलू उपयोग में ला सकते हैं और कुछ तरीकों से बचे हुए पानी का व्यापारिक क्षेत्र में उपयोग में ला सकते हैं। चलिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग के बेहतरीन तरीकों को जानते हैं-

सतह जल संग्रह सिस्टम (surface water collection system)- 

वह पानी होता है,जो वर्षों के बाद भी जमीन पर गिरकर धरती के निचले भागों में बहकर जाने लगता है। गंदी नालियों में जाने से पहले सतह जल को रोकने का अच्छा माध्यम है। बड़े-बड़े ड्रेनेज पाइप के माध्यम से वर्षा जल को नदी तालाबों में संग्रहण करके रखा जाता है, जो बाद में पानी की कमी को दूर करता है।

अजब गजब है,मृत सागर

छत प्रणाली(rooftop system)- 

 इस तरीके से आप छत पर गिरने वाले बारिश के पानी को  संचय करके रख सकते हैं। ऐसे में ऊंचाई पर खुले टंकियों का उपयोग किया जाता है जिनमें बरसा के पानी को संग्रहण कर केनालो के माध्यम से घरों तक पहुंचाया जा सकता । यह पानी काफी स्वच्छ होता है। यह थोड़ा बहुत ब्लीचिंग पाउडर मिलाने के बाद पूर्ण तरीके से उपयोग में लाया जा सकता है।

डैम (dam) -

 बड़े-बड़े बांधों के माध्यम से बरसा के पानी को बहुत ही बड़े पैमाने में रोका जाता है। जिन्हें गर्मी के महीनों में या पानी की कमी होने पर कृषि, बिजली उत्पादन और पाइप के माध्यम से घरेलू उपयोग में भी इस्तेमाल में लिया जाता है। जल संरक्षण के मामले में बांध बहुत उपयोगी साबित हुए हैं। इसलिए भारत में कई बांधों का निर्माण किया गया है और साथ ही नए बांध में भी बनाए जा रहे हैं। एक बड़ा example केन बेतवा लिंक परियोजना का है।

न्याय पालिका और मीडिया दोनों साथ -साथ कैसे भूमिका निभाते -

भूमिगत टैंक (underground tank)- 

 Underground tank भी एक बेहतरीन तरीका है जिसके माध्यम से हम भूमि के अंदर पानी को संरक्षित कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में वर्षा जल को एक भूमिगत गड्ढे में भेज दिया जाता है। जिससे भूमिगत जल की मात्रा बढ़ जाती है। साधारण रूप से भूमि के ऊपरी भाग पर बहने वाला जल सूर्य के ताप से vasp बन जाता है और हम उसे उपयोग में भी नहीं ला पाते हैं। परंतु इस तरीके से हम ज्यादा से ज्यादा पानी को मिट्टी के अंदर बचा कर रख सकते हैं। यह तरीका बहुत ही मददगार साबित हुआ है, कि मिट्टी के अंदर का पानी आसानी से नहीं सूखता और लंबे समय तक पंप के माध्यम से हम आपको हम आपको प्रयोग में ला सकते हैं।

बड़े-बड़े कल कारखानों में स्वच्छ पानी के इस्तेमाल में लाकर बर्बाद कर दिया जाता है। ऐसे में वर्षा जल को संचय करके इस्तेमाल में लाना जल को सुरक्षित करने का एक बेहतरीन उपाय है। ज्यादा से ज्यादा पानी की बचत और जल संचयन करने के लिए ऊपर दिए हुए तरीकों का उपयोग कंपनियां कर सकती हैं।

कुछ ऐसे सहर एवम गांव होते हैं जहां पानी की बहुत ज्यादा कमी होती है और गर्मी के महीने में पानी बहुत ही किल्लत होती ऐसे में उन क्षेत्रों में पानी को भी लोग बचा बचा कर के बैच सकते हैं।

ब्रम्हांड में वैज्ञानिकों खोजादूसरा ब्रम्हांड -

बर्षा जल संचयन के द्वारा ज्यादा से ज्यादा पानी एकत्रित किया जा सकता है। जिससे मुफ्त में गर्मी के महीनों में कृषि के लिए किसान पानी की कमी को पूरा कर सकते हैं तथा पानी से होने वाले खर्च को भी बचा सकते हैं। इसकी मदद से साथ-साथ ज्यादा बोरवेल वाले क्षेत्रों में बोरवेल के पानी को सूखने से भी रोका जा सकता है। ऐसा तभी संभव हो सकता जब सब वर्षा ऋतु में ज्यादा से ज्यादा बरसात के पानी को उपयोग के लिए लाया जाए और गर्मी के महीने में इस्तेमाल किया जाए।

वर्षा जल संचयन या रेन वाटर हार्वेस्टिंग से ज्यादा से ज्यादा पानी को अलग अलग जगहों में इकट्ठा किया जाता है। जैसे बांधों में पूर्व में तालाबों में अलग-अलग जगहों में पानी का संचयन करने के कारण जमीन पर रहने वाले जल की मात्रा में कमी आती है, जिससे बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं को रोकने में मदद मिलती है। 

आज दुनिया एक आधुनिक टेक्नोलॉजी से जुड़ी दुनिया बन चुकी है। ऐसे में लोगों की बढ़ती जनसंख्या के कारण आज भी सौभाग्य हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी इमारतों का निर्माण हो रहा है। यह बात तो साधारण है, कि इन इमारतों के निर्माण के लिए सबसे ज्यादा पानी का उपयोग हो रहा है। ऐसे में वर्षा जल संचयन के माध्यम से बचाए पानी को इमारतों के निर्माण में लगाकर बचा सकते हैं।

क्यों होती कछुए पीठ मजबूत -

वर्षा जल संग्रहण में कुछ सावधानियां(precotion of rain water harvesting)-

 रेन वाटर हार्वेस्टिंग की मदद से जमा किए हुए पानी को इस्तेमाल करने से पहले अच्छे से फिल्टर किया जाना चाहिए। जिससे कि इसमें मौजूद अशुद्धियां पानी से अलग हो जाएं। पानी को ऐसे बर्तन या पत्रों में रखना चाहिए जो धूप के संपर्क पर आने पर जहरीले तत्व ना बनाती हो। वर्षा जल संचयन द्वारा जमा किए हुए पीने के पानी को अच्छे से filter बहुत जरूरी है ताकि जहरीले तत्व का सफाया हो जाए।

दोस्तों हमें आशा है, कि इस ब्लॉग को पढ़ने के बाद आपको वॉटर रेन हार्वेस्टिंग या rain वॉटर हार्वेस्टिंग से जुड़े सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त हो गई होगी और अधिक जानने के लिए भू जल संरक्षण विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट कर दो करें हम आपके कमेंट या सजेशन की प्रतीक्षा करेंगे धन्यवाद।

Turist hub कुटनी डैम छतरपुर मध्य प्रदेश -

डिस्क्लेमर: और अधिक जानकारी के लिए भूजल संरक्षण की ऑफिशियल वेबसाइट का बुक करें धन्यवाद।

Comments

Popular posts from this blog

G20 शिखर सम्मेलन 2023:G20 summit conference 2023:

G20 खजुराहो शिखर सम्मेलन 2023:G20 khajuraho summit conference 2023: G20 शिखर सम्मेलन 2023 में शामिल होने वाले विश्व के विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधि खजुराहो के सुंदर छवि को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए। गुरुवार शाम को वसुदेव कुटुंबकम के साथ अतिथि देवो भव के क्रम में इनका बुंदेली परंपरा के अनुसार तिलक लगाकर स्वागत किया गया। इसके बाद सभी प्रतिनिधियों ने मंदिर दर्शन किए। वहीं कुछ प्रतिनिधि शुक्रवार सुबह से ही खजुराहो के वैभव को देखने के लिए निकल गए। सामान्य तथ्य: जी-20 खजुराहो शिखर सम्मेलन, 2023 मेजबान देश-             भारत दिवस-                      23 से 25 फरवरी 2023 Motto-                   एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य स्थल-                       खजुराहो(विश्व पर्यटन नगरी) नगर-                        खजुराहो, भारत प्रतिभागी-  ...

dr.umashankar patel,best child specialist at chhatarpur,(डॉ.उमाशंकर पटेल छतरपुर (म.प्र.)

dr.umashankar patel,best child specialist at chhatarpur (mp) डॉ. उमाशंकर (यू.एस.) पटेल नेताजी सुभाष चंद्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय से एम.बी.बी.एस पास किए, तत्पश्चात विभिन्न ग्रामीण अंचलों में अपनी सेवाएं प्रदान की। प्रथम पदस्थापना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खजुराहो से हुई। 2019 में एम.पी.पीएससी. से मेडिकल ऑफिसर पद पर चयनित होकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कर्री(राजनगर) में पदस्थ हुए। कोरोना काल में अपनी बेहतरीन सेवाएं प्रदान करते हुए पी.जी. में सेलेक्ट होकर बाल एवं नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ की उपाधि college of physicians & surgeon Mumbai से प्राप्त की और वर्तमान समय में जिला चिकित्सालय छतरपुर में पी.जी.एम.ओ. के रूप में पीडियाट्रिक विभाग में पदस्थ हैं। साथ ही आपातकालीन ड्यूटी भी आपके द्वारा जिला चिकित्सालय में संपादित की जा रही है। हम यह जानेंगे: डॉ.यू.एस.पटेल का प्रारंभिक जीवन डॉ.पटेल से जुड़ी सामान्य जानकारी डॉ. उमाशंकर पटेल की शिक्षा जिला चिकित्सालय इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर अनुभवी मेडिकल ऑफिसर परामर्श केंद्र एवम् संपर्क सूत्र डॉक्टर यू. एस. पटेल से जुड़े कुछ प्रश्न डॉ.यू.एस.पटेल का प्रा...

Saagban ki kheti madhya pradesh Sagon ki kheti Chhatarpur mp Sagon ki kheti (सागोन की खेती छतरपुर एमपी,छतरपुर बागवानी की खेती)

दोस्तों नमस्कार आज के आर्टिकल में हम बात करेंगे भारत में किसानों का साथ देने वाली एक ऐसी लकड़ी के बारे में जो किसानों की किस्मत बदल के रख देगी। हम बात करने वाले हैं सागौन(sagon) की खेती के बारे में आज के समय में भारतवर्ष का बुंदेलखंडी एरिया भयंकर सूखे से गुजर रहा है जैसा कि हम सभी को पता ही है। हम आपको बताएंगे बुंदेलखंड के विभिन्न जिलों में सागौन(sagon) की खेती किस प्रकार से कर सकते हैं और क्या क्या जरूरत हमको पड़ने वाली है। Table of content:- 1.1- सागवान के बारे में- 1.2- भारत में सागौन की खेती के प्रकार- 1.3- सागोन खेती के लिए जलवायु- 1.4- सागोन खेती के लिए मिट्टी- 1.5- जमीन की तैयारी किस प्रकार की जाती- 1.6- रोपाई का समय और तरीका- 1.7- खरपतवार नियंत्रण- 1.8- सिंचाई पद्धति- 1.9- फसल की कटाई- 2.1- सागौन के पेड़ से कमाई- 2.2- Conclusion- सागवान के बारे में-(About teak-) सागौन के पेड़ का साइंटिफिक नाम टैक्टोना ग्रैंडिस है। सागौन का पेड़ से बहुत ही हल्का होने के साथ  मजबूत लकड़ी तैयार होती है। यह लकड़ी बहुत लंबे समय तक खराब भी नहीं होती। जिसके चलते सागौन के पेड़ से तैयार लकड़ी को भार...