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ब्रह्मेश्वर धाम की कथा(brahmeshwar dham ki katha,

ब्रह्मेश्वर धाम सरकार मध्य प्रदेश स्थित छतरपुर जिले के तहसील राजनगर,विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो से 10.3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर बालाजी सरकार की असीम अनुकंपा से आने वाले श्रद्धालुओं एवं पीड़ितों को उनकी समस्या का समाधान पीठाधीश्वर पंडित लवलेश तिवारी जी महाराज जी के पर्चे पर लिख करके आ जाता है और बताए गए विधि विधान से बालाजी सरकार के आशीर्वाद से पीडतों की समस्या का समाधान हो जाता है।


brahmeshwar Dham Chhatarpur Madhya Pradesh

brahmeshwar Dham Ki Mahima

brahmeshwar Dham kahan hai

brahmeshwar Dham Maharaj

Pandit lovelesh Tiwari

Brahmeshwar dham ki katha 

हम जानेंगे:

+1.1. धाम में कथा एवम दिव्य दरबार का आयोजन

+1.2. हनुमान जी महाराज मंदिर का इतिहास

+1.3. ब्रह्मेश्वर धाम की ख्याति

+1.4. पीठाधीश्वर महाराज जी का जन्मस्थल

+1.5. पिताजी के भगवान के श्री चरणों में लिप्त होने बाद महाराज जी के ऊपर परिवार संचालन का कार्य भार

+1.6. प्रारंभिक शिक्षा एवम दीक्षा ग्रहण

+1.7. अक्सर पूछे गए प्रश्न

धाम में कथा एवम दिव्य दरबार का आयोजन:

पीठाधीश्वर महाराज पंडित लवलेश तिवारी जी ने हाल ही के मीडिया साक्षात्कार में बताया कि, बालाजी सरकार का आदेश आते ही दिव्य दरबार एवं बालाजी सरकार की कथाओं का आयोजन पुनः किया जाएगा। अभी वर्तमान समय में धाम में कथाओं एवं दिव्य दरबार का आयोजन किन्ही कारणों से नहीं किया जा रहा है। जल्द ही बालाजी सरकार के आशीर्वाद से दरबारों का आयोजन किया जाएगा। इसका एक प्रमुख कारण यह माना जा रहा है कि, पीठाधीश्वर महाराज जी का अपने गुरुओं से मिलने या भेंट करने जैसे कामों में व्यस्त रहने को बताया जा रहा है।

हनुमान जी महाराज मंदिर का इतिहास:

धाम में कलयुग के राजा हनुमान जी महाराज जी का नवनिर्मित सिद्ध पीठ है। यहां पर बालाजी का आशीर्वाद धाम में माथा टेकने वाले श्रद्धालुओं एवं पीड़ितों के ऊपर बना हुआ है। मंदिर निर्माण की बात करें तो, पूर्व समय में सरकार द्वारा गांव के कुछ ग्रामीणों को पट्टे पर जमीन दी गई थी। पीठाधीश्वर महाराज जी ने बताया कि, स्वप्न में आए बाला जी सरकार के मंदिर निर्माण व प्रभु श्री राम प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान जी महाराज की प्राण प्रतिष्ठा हुई।brahmeshwar Dham Chhatarpur Madhya Pradesh

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ब्रह्मेश्वर धाम की ख्याति:

वर्तमान समय से लगभग 8- 9 महीने पहले बालाजी सरकार के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करवाई गई थी। एक घटना चक्र की बात है,जो हनुमान जी महाराज की प्राण प्रतिष्ठा के बाद लवलेश महाराज जी पुजारी के रूप में बाला जी सरकार की सेवा कर रहे हैं। धाम में तीन व्यक्ति एक दिन आए और बालाजी सरकार का माथा टेक कर महाराज जी से बोले कि, महाराज जी में हमें एसी -एसी समस्या है। आप इसका कुछ उपाय बताएं। पीठाधीश्वर महाराज जी ने बताया कि,ज्यादा आपको कुछ नहीं करना है। हनुमान जी महाराज की नाम की दो अगरबत्ती लगा दीजिए और भभूति को पीड़ित के माथे पर लगा दीजिए।

इतना कहने के बाद पीड़ित व्यक्ति को अपनी समस्या का समाधान मिल गया। तब से धाम में हजारों की संख्या मैं भक्त दिव्य दरबार के 3 हफ्ते, यानी 21 दिन में धाम की ख्याति इतनी फैल गई कि देश के कोने-कोने से लोग बालाजी सरकार का माथा टेकने आने लगे।

पीठाधीश्वर महाराज जी का जन्मस्थल:

पीठाधीश्वर महाराज के जन्म स्थल की बात करें तो,उनका जन्म मध्य प्रदेश स्थित छतरपुर जिले, थाना खजुराहो के एक छोटे से ग्राम लखेरी में हुआ था। महाराज जी ने बताया कि मेरा पैतृक जन्म स्थान मध्य प्रदेश छतरपुर जिले के लवकुश नगर, तहसील के अंतर्गत आने वाला एक छोटा सा गांव मरहा है।

पिताजी के भगवान के श्री चरणों में लिप्त होने बाद महाराज जी के ऊपर परिवार संचालन का कार्य भार:

बचपन में ही पीठाधीश्वर महाराज जी के पिताजी भगवान के श्री चरणों में गमन हो गया। परिवार का कार्यभार उनके पिताजी के बाद पीठाधीश्वर महाराज जी के ऊपर ही था। उनके परिवार में उनकी माता और तीन बहने और पीठाधीश्वर महाराज अकेले भाई हैं। वर्तमान समय में महाराज जी अपने जन्म स्थान सिद्ध क्षेत्र ब्रह्मेश्वर धाम में ही निवासरत है।

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प्रारंभिक शिक्षा एवम दीक्षा ग्रहण:

प्रारंभिक शिक्षा की बात करें तो, पिताजी के स्वर्गवास होने के बाद उन्हें शिक्षा ग्रहण करने हेतु जिला मुख्यालय स्थित महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ विद्यालय छतरपुर मध्य प्रदेश जाना पड़ा। विद्या पीठ विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करते समय बचपन के मित्र पन्ना, टीकमगढ़, शाहगढ़ आदि जिलों से थे।

महाराज जी द्वारा बताया गया कि, गुरु दीक्षा या वैष्णवी दीक्षा परम पूजनीय महाराज रामकृष्ण दास वेदांती महाराज चित्रकूट धाम से ग्रहण की। परम पूजनीय वेदांती महाराज जिनका भगवान के श्री चरणों में गमन भले ही हो गया,लेकिन उनका प्रत्यक्ष आशीर्वाद महाराज जी के ऊपर बना हुआ है। यदि पैतृक गुरु की बात करें तो,पंडित श्री मनीषा कृष्ण शास्त्री जी महाराज उनके पैतृक गुरु हैं।


अक्सर पूछे गए प्रश्न:

प्रश्न - ब्रह्मेश्वर धाम कहां स्थित है?

उत्तर -ब्रह्मेश्वर धाम पर्यटन नगरी खजुराहो के पास स्थित है।

प्रश्न - ब्रह्मेश्वर धाम की महिमा क्या है?

 उत्तर -धाम में भक्तों की सभी प्रकार की समस्याओं समाधान पर्चे पर लिखकर किया जाता है।

प्रश्न - दिल्ली से ब्रह्मेश्वर धाम कैसे पहुंचा जा सकता है?  

उत्तर -राजधानी दिल्ली से ब्रह्मेश्वर धाम एयरपोर्ट,रेल मार्ग एवं सड़क मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है।

प्रश्न -राजधानी भोपाल से रामेश्वर धाम की दूरी कितनी है?

उत्तर - राजधानी भोपाल से ब्रह्मेश्वर धाम 366 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।

प्रश्न - जिला मुख्यालय छतरपुर से धाम की दूरी? 

उत्तर -40.6 किलोमीटर जिला मुख्यालय से धाम की दूरी है।

प्रश्न - खजुराहो एयरपोर्ट से धाम की दूरी? 

उत्तर -खजुराहो एयरपोर्ट से ब्रह्म ईश्वर धाम की दूरी 10 किलोमीटर है।
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हम यह भी पढ़ेंगे:

🌎ब्रह्मेश्वर धाम के बारे में पूरी जानकारी

🌎ब्रह्मेश्वर धाम पीठाधीश्वर महाराज का जीवन परिचय

🌎ब्रह्मेश्वर धाम में पुनः दिव्य दरवार कब लगेगा

🌎ब्रह्मेश्वर धाम छतरपुर मध्य प्रदेश

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Comments

  1. Jay Brahmachari dham

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  2. ब्रह्मेश्वर धाम सरकार की जय।धाम पर जाकर मेरी समस्या का समाधान हो गया।

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  3. जय ब्रह्मेश्वर धाम की

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  4. बालाजी सरकार के आशीर्वाद से मेरी भी सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण हुई! मैं एक अच्छे ब्लॉगर के रूप में पहचान बनाना चाहता हु बालाजी सरकार के आशीर्वाद से मेरी मनोकामना पूर्ण हुई के रूप में बनना चाहता था बालाजी के आशीर्वाद से मैं एक अच्छा फ्लावर बन गया जय श्री राम जय गणेश धाम

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  5. Jay brahmeshwar dham ki

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