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केन बेतवा लिंक परियोजना न्यू अपडेट(ken betwa link nahar pariyojana latest update) केन बेतवा नहर परियोजना का उद्घाटन कब होगा

केन बेतवा लिंक परियोजना: केन बेतवा नदी इंटरलिंकिंग, प्रोजेक्ट मैप, लागत और नवीनतम updates के बारे में सारी जानकारी। हम लोग भली-भांति जानते हैं कि, वर्तमान समय में बुंदेलखंड क्षेत्र भयंकर सूखे से गुजर रहा है केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी नदी जोड़ो परियोजनाओं में से पहली नदी जोड़ो परियोजना है।


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केन बेतवा परियोजना का मुआवजा कब मिलेगा

+केन बेतवा link परियोजना: संक्षिप्त जानकारी

+केन बेतवा नदी link परियोजना का घटनाक्रम

+केन बेतवा link परियोजना: संक्षिप्त ब्योरा

+केन बेतवा link परियोजना का नक्शा

+केन बेतवा नदी link परियोजना: लाभ और प्रभाव

+केन बेतवा link परियोजना की लागत

+केन बेतवा link परियोजना की ताजा जानकारी

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केन बेतवा परियोजना का मुआवजा कब मिलेगा

+अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)


देश के कई हिस्सों को प्रभावित करने वाली जल संकट की समस्या का समाधान करने के लिए केंद्र सरकार(central goverment) नदियों को जोड़ने वाली एक महत्वाकांक्षी परियोजना लेकर आई है। राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (npp) के तहत परिकल्पित केन-बेतवा interlinking परियोजना भारत में कार्यान्वित होने वाली नदियों जोड़ने की पहली परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना का उद्देश्य मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में 10.62 लाख हेक्टेयर भूमि के लिए वार्षिक सिंचाई प्रदान करना, पेयजल आपूर्ति को बढ़ावा देना और 103 मेगावाट की पानी से बिजली उत्पन्न करना है।

केन बेतवा interlinking project देश भर में परिकल्पित नदियों को जोड़ने वाली 30 परियोजनाओं में से एक है। 1 फरवरी, 2022 को पेश किए गए केंद्र सरकार बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन नदियों को जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 44,605 करोड़ रुपए के भारी-भरकम बजट के आवंटन की घोषणा की। यह कदम इस आगामी बुनियादी ढांचा परियोजना को एक बड़ा बढ़ावा देगा, जिससे 62 लाख लोगों को पीने योग्य पानी, 103 मेगावाट जलविद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के साथ करीब 9 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित करने की सुविधा मिलने की उम्मीद है। केन बेतवा लिंक परियोजना से 13 जिलों में फैले सूखा प्रभावित बुंदेलखंड क्षेत्र को लाभ मिलेगा। काम प्रारंभ होने के 8 साल में इस परियोजना का पूरी होने की संभावना है।

मार्च 2021 में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की राज्य सरकारों ने परियोजना के कार्यान्वयन के लिए जल शक्ति मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (mou) पर हस्ताक्षर किए।

8 दिसम्बर, 2021 को कैबिनेट ने केन से बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना की फंडिंग और कार्यान्वयन को मंजूरी दी, जिसे करीब 44,605 करोड़ रुपये की पूंजी से विकसित किया जाएगा। कैबिनेट ने परियोजना के लिए 39,317 करोड़ रुपये के केंद्रीय समर्थन को भी मंजूरी दी, जिसमें 36,290 करोड़ रुपये का अनुदान और 3,027 करोड़ रुपये का loan शामिल है।

केन बेतवा link परियोजना की दूसरी बैठक 20 जुलाई, 2022 को हुई, जिसमें विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई और बड़े फैसले लिए गए। जैसे योजना और तकनीकी मामलों की समीक्षा और kblp को राय देने के लिए तकनीकी सलाहकार समूह की स्थापना, और ग्रेटर पन्ना लैंडस्केप काउंसिल की स्थापना करके केन बेतवा link project के लिए लैंडस्केप प्रबंधन योजना (lmp) और पर्यावरण प्रबंधन योजना (emp) का कार्यान्वयन करना।

इसके अलावा, जल संसाधन, मछुआरा कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट के साथ हाल ही में हुई एक बैठक में central जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने नदियों को जोड़ने की परियोजना पर जल्द काम शुरू करने का आश्वासन दिया है। यह आश्वासन नहीं बल्कि इसकी सख्त जरूरत बुंदेलखंड विकास के लिए आवश्यक है।

केन बेतवा link परियोजना संक्षिप्त विवरण:Ken Betwa link Project Brief Description

केन-बेतवा लिंक परियोजना (KBLP) npp के प्रायद्वीपीय नदियों के विकास के तहत नियोजित 16 समान परियोजनाओं में से नदियों को जोड़ने वाली पहली परियोजना है। यह यमुना नदी की सहायक नदियों – मध्य प्रदेश के पन्ना,छतरपुर जिले में केन नदी और उत्तर प्रदेश में बेतवा नदी – को जोड़ेगी।

NPP का मुख्य उद्देश्य जल संकट की समस्या से निपटने के लिए अतिरिक्त पानी वाले नदी के बेसिन से कम पानी वाले बेसिन तक पानी पहुंचाना है। NPP में दो घटक शामिल हैं – हिमालयी नदियों का विकास और प्रायद्वीपीय नदियों का विकास। जिसमें से इसे प्रायद्वीपीय नदी परियोजना कहा जा सकता है।

केन बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना, जिसका निर्माण कार्यक्रम आठ वर्षों के लिए निर्धारित किया गया है, को दो चरणों में क्रियान्वित किया जाएगा।

प्रथम चरण:

प्रथम चरण के दौरान ढोढ़न बांध परिसर एवं उससे जुड़े कार्यों जैसे निम्न स्तरीय सुरंग(canal), उच्च स्तरीय सुरंग, 221-किलोमीटर लंबी केन-बेतवा लिंक नहर एवं बिजलीघर बनाए जाएंगे।

द्वितीय चरण: 

द्वितीय चरण में केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत लोअर बांध, बीना कॉम्प्लेक्स परियोजना और कोठा बैराज के लिए विकास कार्य शुरू किए जाएंगे।

केन बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना का समयचक्र:

+अगस्त 1980: NPP तैयार किया गया

+अगस्त 2005: परियोजना के लिए DPR तैयार करने के लिए मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

+अप्रैल 2010: राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (NWDA) ने KBLP के पहले चरण के लिए डीपीआर को पूरा किया।

+जनवरी 2014: NWDA ने परियोजना के दूसरे चरण की DPR पूरी की।

+सितंबर 2014: ILR (इंटरलिंकिंग ऑफ़ रिवर्स) कार्यक्रम को लागू करने के लिए नदियों को आपस में जोड़ने को लेकर विशेष समिति का गठन किया गया।

+अप्रैल 2015: MOWR, नदी विकास और गंगा कायाकल्प द्वारा नदियों को जोड़ने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया।

+मार्च 2021: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने केन बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना को लागू करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

+दिसंबर 2021: कैबिनेट ने परियोजना की funding और कार्यान्वयन को मंजूरी दी।

+फ़रवरी 2022: सरकार ने केंद्रीय बजट 2022-23 में इस परियोजना के लिए 44,605 करोड़ रुपए के बजट के आवंटन की घोषणा की।


केन बेतवा लिंक परियोजना: संक्षिप्त परिचय:

केन-बेतवा लिंक परियोजना (KBLP) npp के प्रायद्वीपीय नदियों के विकास के तहत नियोजित 16 समान परियोजनाओं में से नदियों को जोड़ने वाली पहली परियोजना है। यह यमुना नदी की सहायक नदियों – मध्य प्रदेश के पन्ना, chhatarpur जिले में केन नदी और उत्तर प्रदेश में बेतवा नदी – को जोड़ेगी।

NPP का मुख्य उद्देश्य जल संकट की समस्या से निपटने के लिए अतिरिक्त पानी वाले नदी के बेसिन से कम पानी वाले बेसिन तक पानी पहुंचाना है। NPP में दो घटक शामिल हैं – हिमालयी नदियों का विकास और प्रायद्वीपीय नदियों का विकास करना है।

केन बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना, जिसका निर्माण कार्यक्रम आठ वर्षों के लिए निर्धारित किया गया है, को दो चरणों में क्रियान्वित किया जाएगा।

प्रथम चरण: प्रथम चरण के दौरान ढोढन बांध परिसर एवं उससे जुड़े कार्यों जैसे निम्न स्तरीय सुरंग, उच्च स्तरीय सुरंग, 221-किलोमीटर लंबी केन-बेतवा लिंक नहर एवं बिजलीघर बनाए जाएंगे।

द्वितीय चरण: द्वितीय चरण में केन-बेतवा link परियोजना के तहत लोअर बांध, बीना कॉम्प्लेक्स परियोजना और कोठा बैराज के लिए विकास कार्य शुरू किए जाएंगे।

केन बेतवा लिंक परियोजना का नक्शा:

केन और बेतवा नदी को जोड़ने वाली केन बेतवा link परियोजना, जैसा कि map में दिखाया गया है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई जिलों को कवर करेगा।

केन बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना लाभ और प्रभाव:

भारत सरकार जल संसाधनों के सतत विकास की ओर नदियों को जोड़ने के कार्यक्रम को सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में देखती है। जल संसाधनों के बेहतर उपयोग और बुंदेलखंड क्षेत्र के कई हिस्सों में जल के संकट को दूर करने के संदर्भ में कई लाभ प्रदान करने के लिए केन बेतवा link परियोजना को एक बहुउद्देश्यीय परियोजना के रूप में नियोजित किया गया है।

यह क्षेत्र बार-बार सूखे की स्थिति का सामना करता है। जिसने क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रभावित किया है। इसके अलावा, कठोर चट्टान और सीमांत जलोढ़ इलाके के कारण यह क्षेत्र भूजल में समृद्ध नहीं है। इसलिए यह परियोजना मानसून के दौरान बाढ़ के पानी के उपयोग में मदद करेगी और कम बारिश वाले महीनों के दौरान पानी की उपलब्धता को स्थिर करेगी, खास तौर पर सूखे से ग्रसित समय में।

केन और बेतवा नदी को जोड़ने वाली परियोजना वार्षिक सिंचाई और पनबिजली उत्पादन भी प्रदान करेगा। केन-बेतवा लिंक योजना से जिन जिलों को लाभ होगा उनमें मध्य प्रदेश में छतरपुर, टीकमगढ़, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी, रायसेन और पन्ना और उत्तर प्रदेश में झांसी, महोबा, बांदा और ललितपुर शामिल को सामिल किया गया हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र के लगभग 62 लाख लोगों को भी इस परियोजना से बेहतर पीने योग्य जल की आपूर्ति होगी।

केन बेतवा लिंक परियोजना की लागत:

यह परियोजना लगभग 44,605 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पूरी की जाएगी। केन-बेतवा link परियोजना प्राधिकरण, परियोजना को लागू करने के लिए special purpose vehicle (SPV), का गठन किया जाएगा और केंद्र सरकार परियोजना की कुल लागत का 90% खर्च उठाएगी, जबकि शेष खर्च राज्यों द्वारा वहन किया जाएगा।

11 फरवरी, 2022 को जारी एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट प्राधिकरण ढोढन बांध, बिजली घर, सुरंगों और केन बेतवा लिंक जल वाहक पर कार्यों को कार्यान्वयन करेगा।

केन बेतवा लिंक परियोजना की ताजा जानकारी:

केंद्र सरकार ने national interlinking of river othoriti  (NIRO) स्थापित करने की योजना बनाई है, जो अंतर-राज्यीय और अंतर-राज्य परियोजनाओं को लेने और धन अर्जित करने के लिए जिम्मेदार होगा।

परियोजना के पर्यावरण पर प्रभाव को लेकर चिंता:

जहां एक ओर केन बेतवा नदी को जोड़ने की परियोजना से सूखाग्रस्त क्षेत्रों में जल संकट की समस्या का समाधान होने की उम्मीद है। वहीं दूसरी और कई पर्यावरण विशेषज्ञों ने पन्ना टाइगर रिजर्व पर इसके प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है। राष्ट्रीय उद्यान के भीतर निर्माण कार्य की वजह से 46 लाख से अधिक पेड़ काटे जाने की संभावना है। टाइगर रिजर्व कई गंभीर रूप से लुप्तप्राय वन्यजीव प्रजातियों का घर है। इसके अलावा, केन बेतवा नदी को जोड़ने की परियोजना के विकास से  ढोढन बांध के तहत 6,017 हेक्टेयर वन भूमि के जलमग्न होने का भी खतरा है।

26 जुलाई 2022 को अपडेट किया गया 

केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट की दूसरी बैठक में लिए गए बड़े फैसले:

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने हाल ही में जल संसाधन, मछुआरा कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट के साथ बैठक में केन बेतवा प्रोजेक्ट पर जल्द काम शुरू करने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, केन बेतवा परियोजना की दूसरी बैठक 20 जुलाई, 2022 को आयोजित की गई थी।

इस बैठक में पहली बैठक में लिए गए फैसलों, वर्ष 2022-23 के लिए एक कार्य योजना, project management cosultenty  से काम लेना, भूमि अधिग्रहण और परियोजना से प्रभावित गांवों के R&R के लिए flow -up कार्रवाई पर फोकस किया गया। इस बैठक में केन बेतवा link परियोजना प्राधिकरण के कार्यालयों की स्थापना, ग्रेटर पन्ना के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा विकसित इंटीग्रेटेड लैंडस्केप मैनेजमेंट प्लान को लागू करने, KBLPA की वित्तीय शक्तियों, खर्च की गई लागत पर राज्य को रिंबर्समेंट आदि पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।

विभिन्न योजना और तकनीकी मामलों की समीक्षा और KBLP को राय देने के लिए एक तकनीकी सलाहकार समूह की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा, पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से R&R योजना के कार्यान्वयन पर नजर रखने के लिए एक R&R समिति की स्थापना की जाएगी। केन बेतवा प्रोजेक्ट के लिए लैंडस्केप मैनेजमेंट प्लान (LMP) और पर्यावरण प्रबंधन योजना (EMP) को लागू करने के लिए बैठक के दौरान ग्रेटर पन्ना लैंडस्केप काउंसिल की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा गया था।


बैठक की अध्यक्षता जल संसाधन विभाग, जल शक्ति मंत्रालय के सचिव पंकज कुमार ने की और इसमें मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधियों और नीति आयोग और विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के अधिकारियों ने भाग लिया।

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केन बेतवा परियोजना का मुआवजा कब मिलेगा

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न - भारत में राष्ट्रीय नदी जोड़ने की परियोजना क्या है?

उत्तर -केन बेतवा लिंक नहर परियोजना नदियों से नदियों को जोड़ने वाली भारत सरकार की सबसे पहली परियोजना है।

प्रश्न -केन बेतवा परियोजना का फायदा किसे मिलेगा?

उत्तर -इस परियोजना का लाभ मध्यप्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के 11 जिलों को मिलेगा।

प्रश्न- ढोढन बांध कहां बनेगा?

उत्तर ढोढन बांध छतरपुर जिले के ग्राम ढोढ़न गंगऊ डैम के पास बनेगा।

प्रश्न - परियोजना को कितने दिन में पूर्ण किया जाना है?

उत्तर -कार्य प्रारंभ होने के लगभग 8 साल बाद परियोजना को पूर्ण किया जाना है।

प्रश्न - परियोजना का किसानों को मुआवजा कितना मिलेगा?

उत्तर -अभी तक केंद्र सरकार द्वारा किसान जमीन मुआवजे राशि को लेकर कोई भी दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए हैं।

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