लंपी वायरस देश के 26 जिलों में पहुंच चुका है। इससे मध्य प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को उच्च स्तरीय बैठक में वायरस को कोरोनावायरस के जैसे ही रोकने के इंतजाम करने के लिए कहा। सीएम शिवराज ने कहा कि, प्रभावित क्षेत्र वाले पशुओं को मुफ्त टीका लगाया जाए। बीते 24 घंटे में 6 गायों की मौत हुई है। अब तक 101 की मौत हो चुकी 26 जिलों के 7550 मवेशी लंपी से प्रभावित हुए इनमें से 5555 ठीक हो चुके हैं। पहला केस अगस्त में रतलाम में सामने आया था।
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- लग रहें है टीके:
प्रदेश में 2.51 लाख टीके लगाए जा चुके हैं। वैकल्पिक टीके के तौर पर गोटपॉक्स वैक्सीन लगाया जा रहा है। यह मुख्यता बकरियों को लगाया जाता है। गाय को लगाने पर डोज करीब 3 गुणा करना पड़ती है। बैठक में टीका मुफ्त लगाने के प्रचार के लिए भी सीएम ने दिशानिर्देश जारी किए।
- लंपी वायरस को रोकने हेतु 1 माह पहले मिली राशि:
वायरस को देखते हुए वित्त विभाग ने सभी जिलों में पशुपालन विभाग को एक माह पहले बजट राशि जारी कर दी है। यह राशि दवा आदि खरीदने के लिए है। वहीं पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने बुधवार को समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी जिले पशु औषधियों का पर्याप्त भंडार रखें। टीकाकरण सुनिश्चित करें पशुपालकों को लगातार जागरूक किया जा रहा है।
- ग्राम सभाओं का करें आयोजन:
सीएम ने कहा कि लंपी वायरस को रोकने को कोविड की तरह प्रयास किए जाएं।
जागरूकता के लिए ग्राम सभाओं का आयोजन हो।
संचार माध्यमों का उपयोग करें।
ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण करें।
रोग को फैलने से रोकने बचाव के उपाय बताएं।
कम संख्या में लोग से पशुओं की मृत्यु को हल्के में ना लें।
रोग की जानकारी को छुपाए नहीं।
- कंट्रोल रूम टोल फ्री नंबर:
सीएम ने गौशाला और अन्य स्थान पर रहने वाले पशुओं की रोग से रक्षा के लिए अधिकारियों को विस्तृत निर्देश दिए। भोपाल में स्थापित नियंत्रण कक्ष का फोन नंबर 075276 75838 टोल फ्री नंबर 1962 है। इन पर चर्चा कर पशुपालक आवश्यक जानकारी और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
- बीमारी:
प्रेजेंटेशन में बताया गया कि,यह एक स्किन बीमारी है। जो पॉक्स पर जाति के वायरस से गोवंश एवं भैंस वंशीय पशुओं में होती है।
- लक्षण:
- पैरों में सूजन
- दुग्ध उत्पादन में गिरावट
- संक्रमित पशु को हल्का बुखार
- आंखों एवं नाक से पानी बहना
- गर्वित पशुओं में गर्भपात एवं
- कभी-कभी पशुओं की मृत्यु
- पशु के शरीर पर त्वचा में बड़ी संख्या में दो से 5 सेंटीमीटर आकार की गठाने बनना
- पशुओं के मुंह में छाले भी एक लक्षण है।
- मनुष्यों में नहीं होती बीमारियां:
बीमारी पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलती। विशेषज्ञों के अनुसार गाय का दूध लंपी के बावजूद सुरक्षित है।
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