brahmeshwar Dham Chhatarpur Madhya Pradesh
brahmeshwar Dham Ki Mahima
brahmeshwar Dham kahan hai
brahmeshwar Dham Maharaj
Pandit lovelesh Tiwari
Brahmeshwar dham ki katha
ब्रह्मेश्वर धाम मध्य प्रदेश स्थित छतरपुर जिले की तहसील राजनगर एवं थाना खजुराहो के अंतर्गत आने वाला विख्यात सिद्ध पीठ बन गया है। वर्तमान समय में बालाजी सरकार की असीम अनुकम्पा से धाम में आने वाले हजारों श्रद्धालुओं की हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है,व समस्या का समाधान पंडित लवलेश तिवारी महाराज जी के पर्चे लिख करके आ जाता है और बताए गए विधि विधान के अनुसार श्री बालाजी के आशीर्वाद से पीड़ितों को समस्या का समाधान मिल जाता।
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💥हम यह जानेंगे:💥
1.1. ब्रह्मेश्वर धाम का इतिहास
1.2. पीठाधीश्वर महाराज जी का जन्म स्थान
1.3. महाराज जी का परिवार
1.4. पांडित लवलेश महाराज जी की शिक्षा
1.5. बालाजी सरकार के सेवक एवम कथावाचक
1.6. प्रेत दरबार एवं कथाओं का आयोजन
1.7. अक्सर पूछे गए प्रश्न
💥ब्रह्मेश्वर धाम का इतिहास:💥
ब्रह्मेश्वर धाम के इतिहास के बारे में चर्चा करें तो,धाम का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है एक प्रचलित कहानी के अनुसार धाम की ख्याति फैलने का मुख्य कारण पंडित लवलेश तिवारी जी महाराज,अपनी शिक्षा ग्रहण करते समय कुछ दिन दिनों के लिए दिल्ली में निवास करते समय, बालाजी सरकार का आदेश हुआ कि, आप अपने निज ग्राम या जन्म स्थान लखेरी में दिखाए स्वप्न के अनुसार बालाजी सरकार की प्राण प्रतिष्ठा करवाएं।
इस पूरी कहानी को समझने के लिए हमें पंडित लवलेश कृष्ण महाराज जी के जीवन परिचय के बारे में जानने की जरूरत पड़ेगी। जो,कि महाराज जी के द्वारा एक मीडिया साक्षात्कार में बताया गया था।
💥पीठाधीश्वर महाराज जी का जन्म स्थान:💥
पीठाधीश्वर लवलेश तिवारी महाराज जी का जन्म स्थान विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर एक छोटा सा गांव लखेरी में हुआ था। उन्होंने बताया कि हमारा पैतृक ग्राम लवकुश नगर स्थित मरहा पड़ता है। वर्तमान समय में पंडित लवलेश शास्त्री जी महाराज सिद्ध पीठ ब्रह्मेश्वर धाम में ही निवास कर रहे हैं।
💥महाराज जी का परिवार:💥
पीठाधीश्वर महाराज जी के परिवार में माता जी एवम उनकी तीन बहने हैं। बचपन में ही पिताजी भगवान के श्री चरणों को प्यारे हो गए। उन्होंने बताया कि, प्रारंभिक शिक्षा जन्म स्थान ग्राम लखेरी से ही की।
💥पांडित लवलेश महाराज जी की शिक्षा:
पीठाधीश्वर महाराज छतरपुर स्थित विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। तब उनके मित्रगण लवकुश नगर, छतरपुर, पन्ना आदि जिलों से थे। महाराज जी की आर्थिक स्थिति ज्यादा कुछ ठीक नहीं थी। वे एक गरीब ब्राह्मण परिवार से हैं,लेकिन नियति ने जो रचा था, होना वही था यानी महाराज जी ने शिक्षा ग्रहण करने के लिए विद्यालयों एवं आश्रमों से की और उन गुरुओं का आशीर्वाद पीठाधीश्वर महाराज जी के ऊपर साक्षात रुप से बना हुआ है।
महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ विद्यालय छतरपुर मध्य प्रदेश से शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात,प्रेम रामायण पीठाधीश्वर श्री वेदांती आश्रम चित्रकूट धाम से पूरी की। चित्रकूट धाम के बाद शिक्षा ग्रहण करने के लिए श्री सुदामा कुटी वृंदावन धाम चले गए।
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💥बालाजी सरकार के सेवक एवम कथावाचक:
पीठाधीश्वर महाराज धर्म प्रचारक के रूप में बाला जी सरकार की सेवा करने के साथ-साथ कथावाचक भी है। जिसमें भगवान प्रभु राम एवं कृष्ण बाल लीलाओं का वर्णन पीठाधीश्वर महाराज जी की कथाओं में रहता है। कथाओं की बात करें तो महाराज जी अब तक ग्रामीण इलाकों से बड़े-बड़े शहरों तक प्रभु लीलाओं का वर्णन अपने मुखारविंद स कर चुके हैं। छतरपुर स्थित कस्बे jhamtuli में बांके बिहारी जी प्रांगण या फिर मंदिर(hawai place jhamtuli) में महाराज जी कथा का वचन कर चुके हैं।
💥प्रेत दरबार एवं कथाओं का आयोजन:
वर्तमान समय में कथा एवं प्रेत दरबार का आयोजन धाम में नहीं किया जा रहा है। पीठाधीश्वर महाराज जी ने मीडिया के साक्षात्कार में बताया कि, बालाजी सरकार का आदेश आते ही पुनः प्रेत दरबार एवं कथाओं का आयोजन किया जाएगा।
💥अक्सर पूछे गए प्रश्न:💥
प्रश्न - ब्रह्मेश्वर धाम कहां स्थित है?
प्रश्न - ब्रह्मेश्वर धाम की महिमा क्या है?
उत्तर -धाम में भक्तों की सभी प्रकार की समस्याओं समाधान पर्चे पर लिखकर किया जाता है।
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