Skip to main content

Jatashankar dham chhatarpur madhya pradesh Jatasankar dham chhatarpur जटाशंकर धाम छतरपुर mp Jatashankar dham ke baare me Top 10 Turist place mp

बुंदेलखंड का केदारनाथ jatashankar dham -

Madhya pradesh स्थित छतरपुर जिले के तहसील बिजावर में बनी विंध्य पर्वत श्रृंखला के बीचो-बीच स्थित जटाशंकर धाम बुंदेलखंड का केदारनाथ कहलाता है। धाम अद्भुत पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ प्राकृतिक सुंदरता के लिए शंकर भगवान की कृति स्थल का वर्णन कर रहा है।

jatashankar dham(जटाशंकर धाम) की ख्याति, गुफाओं,कंदरा,सेल एवं जड़ी बूटियों से होकर बहने वाले जल से बने झरने के रूप में कुंड मैं स्नान करने के बाद चर्म रोग(skin disease) जैसी बीमारियों से मुक्ति दिलाने की मान्यता के साथ जुड़ी हुई है। प्राकृतिक रूप से निर्मित दो कुंडी में भरे हुए गर्म एवं ठंडे जल में स्नान करने लोगों को चर्म रोग जैसी बीमारियों से मिलता है निजात।

Table of content-

1-जटाशंकर धाम कहां पर स्थित है?Where is Jatashankar Dham located?

2-जटाशंकर धाम की उत्पत्ति कब हुई?When was Jatashankar Dham originated?

3-धाम की ख्याति एवं महिमा उजागर किस प्रकार हुई?Who exposed the fame and glory of the Dham? What happened?

4-वे कौन सी बातें हैं जो जटाशंकर धाम में भक्तों को खींचकर लाती हैं?What are the things that attract devotees to Jatashankar Dham?

5-विश्व पर्यटक नगरी खजुराहो एवं छतरपुर से जटाशंकर धाम की दूरी क्या है?What is the distance of Jatashankar Dham from world tourist city Khajuraho and Chhatarpur?

6-जटाशंकर धाम की यात्रा किन साधनों द्वारा जा सकती हैं?By what means can one visit Jatashankar Dham?

7-धाम में ज्यादा भक्तों की संख्या कब होती है एवं यात्रा कब सुगम होती है?When is the maximum number of devotees in the Dham and when is the journey easy?

8-अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न?frequently Asked question? 

जटाशंकर धाम के बारे मे,कहां स्तिथ-


श्रद्धालु पर्यटक स्थल(Turist place) खजुराहो दर्शन करने के पश्चात जटाशंकर धाम एक बार जरूर आवे। धाम की प्राकृतिक वादियों को देखने के बाद ऐसा लगता है,जिस प्रकार कि हम केदारनाथ धाम आ गए हो। Dham प्राकृतिक रूप से निर्मित है। पर्वत श्रृंखला, गुफाओं, कंदरा, झरनों एवं खूबसूरत वादियों (Mountain ranges, caves, caves, waterfalls and beautiful valleys)से घिरा हुआ है। धाम के पास स्थित वादियां मन को मनमोहित कर लेती हैं। जिला Chhatarpur बहुत से धाम एवं पर्यटक स्थली(tourist place) है।

उदाहरण के तौर पर देखें तो -महाराजा छत्रसाल संग्रहालय, विश्व पर्यटक नगरी खजुराहो, बागेश्वर धाम सरकार, जटाशंकर धाम, भीमकुंड, कुटनी बांध, ranguwa बांध एवं पन्ना राष्ट्रीय उद्यान आदि स्थानों पर पर्यटक(सैलानी) घूमने के लिए आ सकते हैं।

यह भी पढ़ें:-

अमरूद की खेती छतरपुर मध्य प्रदेश

सागौन की खेती छतरपुर मध्य प्रदेश

आंवला की खेती छतरपुर मध्य प्रदेश

बागवानी खेती छतरपुर मध्य प्रदेश

जटाशंकर धाम की उत्पत्ति - Jatashankar Dham originated?


जटाशंकर धाम स्थित शिलालेखों(inscriptions located) के मुताबिक धाम के निर्मित होने के कोई दस्तावेज(document) नहीं है प्राचीन काल से ऐसी मान्यता है कि, में में भगवान शंकर जरा दैत्य(little monster) को मार कर यहां पर आकर ध्यान मग्न हो गए। इसके अलावा यह भी मान्यता(Recognition) है, कि भगवान शंकर को पाने के लिए माता गौरा ने इन गुफाओं में तपस्या की और भगवान शिव(Lord Shiva) ने प्रकट(apparent) होकर दर्शन दिए।

चरवाहे की समस्या निदान के बाद धाम की ख्याति फैली -

जटाशंकर धाम ट्रस्ट(trust) के अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल का कहना है, कि एक चरवाहे(Shepherd)को कुष्ठ रोग(leprosy) था और वह अपनी बकरियों को लेकर के लिए यहां आया करता था। मान्यता है, कि 1 दिन उस चरवाहे की बकरियां(gots)गुम गई और वह अपनी बकरियों को ढूंढते हुए उसे इन जंगलों(forest)में प्यास लगी और प्यास बुझाने के लिए उसे यहां पर दो झरने(rainfol) दिखाई दिए। चरवाहे ने इस झरने के रूप में स्थित कुंड में अपनी प्यास बुझाई और पसीने से लिप्त अपने शरीर को आराम दिया। कुंड में स्नान करने के बाद भगवान शिव की महिमा उजागर हुई और उस चरवाहे को कुष्ठ रोगों से मुक्ति मिली।

चरवाहा प्रतिदिन वहां पर स्नान और पूजा अर्चना करने लगा। चरवाहे का यह प्रतिदिन (perday)का नियम बन गया। धीरे-धीरे गांव वालों एवं क्षेत्रवासियों में खबर फैली। इस प्रकार यह धाम जटाशंकर(Religious place) कहलाए।

जटाशंकर धाम के लिए यातायात(आवागमन)के सभी साधन उपलब्ध है -

देश के किसी भी कोने से यात्रा करने के लिए खजुराहो हवाई अड्डा(khajuraho air port) को दूरी जटाशंकर धाम से 50 से 55 किलोमीटर है। श्रद्धालु रेल यात्रा भी कर सकते हैं। इसके अलावा बस एवं निजी साधन द्वारा यात्रा कर सकते हैं।

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर गौरा(goura) शिव(shiv) विवाह बेहद आकर्षण का केंद्र -


धाम मैं अमावस्या, पूर्णिमा, सोमवार एवं महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भक्तों की संख्या बहुत अधिक देखने को मिलती है। जटाशंकर धाम में बुंदेलखंड(bundelkhand) के अलावा भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु शंकर भोलेनाथ के दर्शन करने आते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न -

1. जटाशंकर धाम की छतरपुर से दूरी कितनी है?

उत्तर -धाम की दूरी छतरपुर से 50 से 55 किलोमीटर है।

2. जटाशंकर धाम की बागेश्वर धाम(bageshwar dham)से दूरी कितनी है?

उत्तर -जटाशंकर धाम की बागेश्वर धाम से दूरी 45 से 50 km बीच में है।

3. जटाशंकर धाम की बिजावर(tehsil) से दूरी कितनी है?

उत्तर -धाम की दूरी बिजावर से महज 4 से 5 किलोमीटर है।

4. छतरपुर(district) में कौन से स्थान है जहां पर सैलानी घूम सकते हैं?

उत्तर - महाराजा छत्रसाल संग्रहालय, विश्व पर्यटक नगरी खजुराहो, बागेश्वर धाम, जटाशंकर धाम, भीमकुंड,rangava डैम एवं kutni डैम।

Conclusion:- 

दोस्तों हमें और हमारी टीम को आशा है,कि आपको jatashankar धाम से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त हो गई होगी। यदि यह जानकारी आपको सुविधाजनक लगी हो,तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करके जरूर बताएं और अन्य सुझाव देने के लिए भी कमेंट करना ना भूलें।

क्या आपने पढ़ा -

बागेश्वर धाम टोकन लिस्ट 2022

बागेश्वर धाम की संपूर्ण कथाएं

बागेश्वर धाम पंडित धीरेंद्र कृष्ण महाराज कौन है?

Pandit dheerendra maharaj in inglish

टूरिस्ट प्लेस खजुराहो मध्य प्रदेश

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान


Comments

Popular posts from this blog

G20 शिखर सम्मेलन 2023:G20 summit conference 2023:

G20 खजुराहो शिखर सम्मेलन 2023:G20 khajuraho summit conference 2023: G20 शिखर सम्मेलन 2023 में शामिल होने वाले विश्व के विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधि खजुराहो के सुंदर छवि को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए। गुरुवार शाम को वसुदेव कुटुंबकम के साथ अतिथि देवो भव के क्रम में इनका बुंदेली परंपरा के अनुसार तिलक लगाकर स्वागत किया गया। इसके बाद सभी प्रतिनिधियों ने मंदिर दर्शन किए। वहीं कुछ प्रतिनिधि शुक्रवार सुबह से ही खजुराहो के वैभव को देखने के लिए निकल गए। सामान्य तथ्य: जी-20 खजुराहो शिखर सम्मेलन, 2023 मेजबान देश-             भारत दिवस-                      23 से 25 फरवरी 2023 Motto-                   एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य स्थल-                       खजुराहो(विश्व पर्यटन नगरी) नगर-                        खजुराहो, भारत प्रतिभागी-                  जी-20 के सदस्य देश पूर्व सम्मेलन-              जी-20 बाली शिखर सम्मेलन, 2022 आगामी सम्मेलन-        जी-20 ब्राजील शिखर सम्मेलन,2024 छतरपुर मध्य प्रदेश: विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन की पहली बैठक में शामिल होने आए प्रतिनिधियों

फोरलेन सागर से कबरई, सागर- कानपुर मुआवजा

232 किलोमीटर लंबा बनेगा यह फोरलेन, एमपी के 57 गांवों की जमीन खरीदने-बेचने पर लगी रोक। 232 किलोमीटर लंबे फोरलेन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया चल रही है। अधिसूचना के मुताबिक जिले की 4 तहसीलों महाराजपुर, छतरपुर,बिजावर और बड़ामलहरा में भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। फोरलेन सागर से कबरई कानपुर से कबरई रोड प्रोजेक्ट सागर- कानपुर फोरलेन बड़ा मलहरा बाईपास  फोरलेन मुआवजा बंडा बाईपास का काम चालू कब होगा

केन बेतवा लिंक परियोजना मुआवजा वितरण कैंप (ken betwa pariyojana kitna muabja milega)

केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी नदी जोड़ो परियोजना केन बेतवा लिंक नहर परियोजना के लिए लगभग सभी प्रकार की तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। पन्ना और छतरपुर जिले के विस्थापित होने वाले किसानों व परिवारों को मुआवजा दिलाने संबंधी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रभावित होने वाले प्रत्येक गांव में अफसरों की टीमें तैनात की गई हैं। जिसमें अधिकारियों द्वारा प्रभावित होने वाले लोगों के परिवार संबंधी जानकारियों को एकत्रित किया जा रहा है। Ken Betwa link Pariyojna latest news Ken Betwa link Pariyojna UPSC  River interlinking project UPSC Ken Betwa river inter linking project first river interlinking project in India Indian riverse interlinking project विस्थापित होने वाली परिवार के लोगों को मुआवजा दिया जा सके। आज बुंदेलखंड क्षेत्र भयंकर सूखे से गुजर रहा है,जिससे निजात दिलाने के लिए अटल बिहारी बाजपेई सरकार के शासन काल में शुरू हुई यह परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए रोजगार एवं कृषि क्षेत्र के नए अवसर किसानों को प्रदान करेगी। जल को ही जीवन माना जाता है। इससे तय है,कि बाढ़ एवं सूखा प्रभावित किसानों को संतुलित खे