ब्रह्मेश्वर धाम सिद्ध पीठ पीठाधीश्वर महाराज के परिवार में उनकी माताजी और तीन बहने हैं। पिताजी का स्वर्गवास पीठाधीश्वर महाराज जी के बचपन में ही हो गया।
ब्रह्मेश्वर धाम पीठाधीश्वर महाराज पं. लवलेश तिवारी जी बचपन से ही प्रभु लीलाओं एवं भक्ति पर विश्वास रखते थे। आज कम उम्र में एक प्रसिद्ध कथा वाचक एवं ब्रह्मेश्वर धाम पीठाधीश्वर के रूप में ख्याति प्राप्त करने वाले महाराज बन चुके हैं। आइए हम जानते हैं, एक मीडिया साक्षात्कार में उन्होंने अपने जन्म से लेकर वर्तमान समय तक सभी को अपने जीवन के बारे में बताया है।
Pandit lovelesh Tiwari ji ka parivar
pithadhishwar Maharaj ka parivar
Maharaj ji ki Mata ka naam
Pandit lovelesh Tiwari biography
brahmeshwar Dham Chhatarpur
- हम जानेंगे:
- 1.1.पं.लवलेश तिवारी महाराज जी का जन्म कहां हुआ?
- 1.2.पं. लवलेश तिवारी महाराज जी का परिवार
- 1.3.पं. लवलेश तिवारी जी की प्रारंभिक शिक्षा कहां पूर्ण हुई?
- 1.4.पं. लवलेश तिवारी जी के प्रारंभिक गुरु कौन हैं?
- 1.5.क्या बचपन में होते थे कोई चमत्कार?
- 1.6.बचपन से ही भगवान के प्रति आस्था का भाव कैसे जगा।
- 1.7.पीठाधीश्वर जी ने गुरु दीक्षा कहां से ग्रहण की?
- 1.8.बालाजी की प्रेरणा से मंदिर की नवीन स्थापना कब हुई?
- 1.9. प्रेत दरबार लगना कब से प्रारंभ हुआ?
- 2.1.धाम की महिमा किस प्रकार से फैली?
- 2.3.वर्तमान समय में धाम में दरबार लग रहा है या नहीं?
- जन्म स्थान और पैतृक जन्म स्थान:
पं. लवलेश तिवारी महाराज जी का जन्म मध्य प्रदेश, जिला छतरपुर, विश्व पर्यटन नगरी,तहसील राजनगर,थाना खजुराहो के एक छोटे से ग्राम लखेरी में हुआ था।इनका पैतृक जन्म स्थान लवकुश नगर तहसील के अंतर्गत मरहा ग्राम पड़ता है। पिता जी का स्वर्गवास बचपन में ही हो गया।
- पीठाधीश्वर तिवारी महाराज जी का परिवार:
पिता का स्वर्गवास बचपन में ही हो गया। महाराज जी ने बताया कि मेरे परिवार मेरी मां, तीन बहने और अकेला में हूं। यह जिक्र उन्होंने तब किया जब, जिला मुख्यालय स्थित विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के लिए जा रहे थे। माता जी ने कहा था, कि परिवार में हम लोग लवलेश (पीठाधीश्वर)के बगैर नहीं रह सकते। माता जी क्यों ना कहें परिवार के संचालन का कार्यभार उनके पिताजी के बाद महाराज जी के ऊपर था।
- बचपन का समय :
तिवारी महाराज जी के बचपन का समय छोटी उम्र तक, जन्म स्थान ग्राम लखेरी में ही गुजरा। पिताजी का स्वर्गवास होने के तत्पश्चात शिक्षा ग्रहण करने के लिए महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ विद्यालय छतरपुर मध्य प्रदेश जाना पड़ा। विद्या पीठ विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करते समय बचपन के मित्र पन्ना, टीकमगढ़, बड़ा मलहरा, शाहगढ़ आदि जिलों से थे।
- पं. लवलेश तिवारी महाराज जी की प्रारंभिक शिक्षा:
महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ विद्यालय छतरपुर से शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात,प्रेम रामायण पीठाधीश्वर श्री वेदांती आश्रम चित्रकूट धाम से पूरी की। चित्रकूट धाम से शिक्षा ग्रहण करने के लिए श्री सुदामा कुटी वृंदावन धाम चले गए।
- पं. लवलेश तिवारी महाराज जी के प्रारंभिक गुरु:
छतरपुर स्थित विद्यालय में उनके प्रारंभिक गुरु पंडित श्री ओम प्रकाश शर्मा जी, पंडित श्री टीकाराम शास्त्री जी महाराज, पंडित श्री शुक्ला जी और परम पूज्य श्री उपाध्याय जी मैहर से उनके प्रारंभिक गुरु थे और इन गुरुओं का महाराज जी के ऊपर आशीर्वाद बना हुआ है।
- बचपन समय के चमत्कार:
पीठाधीश्वर महाराज जी ने बताया कि मुझे बचपन में किसी भी प्रकार के चमत्कारों का अनुभव नहीं हुआ,लेकिन जब से मंदिर में बालाजी सरकार की प्राण प्रतिष्ठा के बाद तीन व्यक्ति मेरे पास आए और उन्होंने अपनी समस्या बताई। इसके बाद हमने उनको विश्वास दिलाया कि, आपकी मनोकामना पूर्ण हो जाएगी। अगरबत्ती बालाजी सरकार के नाम की लगा दीजिए और भभूति पीड़ित के माथे पर लगा दें। बालाजी के आशीर्वाद से उनकी मनोकामना पूर्ण हो गई। तब से महाराज जी के मन में विश्वास जगा की बालाजी का साक्षात आशीर्वाद धाम में लोगों की समस्या समाधान के लिए बना हुआ है।
Pandit lovelesh Tiwari ji ka parivar
pithadhishwar Maharaj ka parivar
Maharaj ji ki Mata ka naam
Pandit lovelesh Tiwari biography
brahmeshwar Dham Chhatarpur
- बचपन से ही पूजा पाठ करने का मार्गदर्शन मिला:
महाराज जी ने बताया पिताजी एक कर्मकांडी ब्राह्मण थे। ब्राह्मण होने के नाते हमें बचपन में गणेश वंदना इत्यादि करने की प्रेरणा देते थे और पिताजी का पांडित्य आशीर्वाद या प्रेरणा महाराज जी के लिए मीठा फल का जरिया बना।
- महाराज जी गुरु दीक्षा ग्रहण चित्रकूट धाम:
पीठाधीश्वर महाराज जी द्वारा बताया गया कि, गुरु दीक्षा या वैष्णवी दीक्षा परम पूजनीय महाराज रामकृष्ण दास वेदांती महाराज चित्रकूट धाम से ग्रहण की। परम पूजनीय वेदांती महाराज जिनका भगवान के श्री चरणों में गमन भले ही हो गया,लेकिन उनका प्रत्यक्ष आशीर्वाद पीठाधीश्वर जी के ऊपर बना हुआ है। यदि पैतृक गुरु की बात करें तो,पंडित श्री मनीषा कृष्ण शास्त्री जी महाराज उनके पैतृक गुरु हैं।
- बालाजी की प्रेरणा से मंदिर की स्थापना:
महाराज जी ने बताया कि कुछ समय (शिक्षा ग्रहण करते समय) पहले में दिल्ली में रुक रहा था। तभी बालाजी सरकार ने प्रेरणा दी,कि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कराओ बाला जी सरकार की प्राण प्रतिष्ठा कराने के लिए मेरे परिवार की स्थिति बहुत ही दयनीय थी। प्रयागराज से बालाजी सरकार की मूर्ति लाए और हजारिया भरवा कर मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करा दी गई।
- दिव्य दरबार की ख्याति फैलने का कारण:
मंदिर में बालाजी सरकार की प्राण प्रतिष्ठा के बाद तीन व्यक्ति महाराज जी के पास आए और उन्होंने अपनी समस्या बताई। इसके बाद हमने उनको विश्वास दिलाया कि, आपकी मनोकामना पूर्ण हो जाएगी। अगरबत्ती बालाजी सरकार के नाम की लगा दीजिए और भभूति पीड़ित के माथे पर लगा दीजिए। बालाजी के आशीर्वाद से उनकी मनोकामना पूर्ण हो गई। तब से महाराज जी के मन में विश्वास जगा की बालाजी का साक्षात आशीर्वाद धाम में लोगों की समस्या समाधान के लिए बना है। आज हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर बाला जी सरकार का माथा टेकने के लिए आते हैं।
- दिव्य दरबार का आयोजन का प्रारंभन:
महाराज जी ने बताया मुझे सबसे पहले बालाजी का आदेश प्राप्त हुआ कि, मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करवा कर पूजा अर्चना कीजिए। मैंने कभी नहीं सोचा था,कि यहां पर दरबार लगेगा। बालाजी की अनुकंपा से यहां पर दिव्य दरबार और प्रेत दरवार लगाना प्रारंभ किया। भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है।देश भर के कौने- कौने से ब्रह्मेश्वर धाम सरकार का माथा टेकने आते है।
- वर्तमान समय में धाम में दिव्य दरबार:
पीठाधीश्वर महाराज जी का भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों पर यात्रा करने एवं अपने परिवार जनों या हितेषी लोगों से मिलने के कारण धाम में दरबार का आयोजन नहीं किया जा रहा है। महाराज जी का कहना है, कि बालाजी सरकार का आदेश मिलते ही, एक बार दोबारा दरबार का आयोजन किया जाएगा। हनुमान जी महाराज के दरबार पर सभी लोग माथा टेक सकेंगे।
Pandit lovelesh Tiwari ji ka parivar
pithadhishwar Maharaj ka parivar
Maharaj ji ki Mata ka naam
Pandit lovelesh Tiwari biography
brahmeshwar Dham Chhatarpur
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
Q. क्या महाराज जी द्वारा पीड़ितों को समस्या का समाधान दिलाना निशुल्क है?
Q. लवलेश तिवारी जी महाराज से कैसे मिल सकते है?
Ans. महाराज से मिलने के लिए आपको ब्रह्मेश्वर धाम जा पड़ सकता है।
Q. ब्रह्मेश्वर धाम का कांटेक्ट नंबर क्या है?
Ans. ब्रह्मेश्वर धाम सिद्ध पीठ कमेटी द्वारा 9826168039,9893059199,8959469904 जारी किए गए हैं।
Q. राजधानी दिल्ली से ब्रह्मेश्वर धाम की दूरी क्या है?
Ans. राजधानी दिल्ली से ब्रम्हेश्वर धाम की दूरी 688 किलोमीटर है।
Q. राजधानी भोपाल से रामेश्वर धाम की दूरी क्या है?
Ans.राजधानी भोपाल से ब्रह्मेश्वर धाम की दूरी 380 किलोमीटर है।
Conclusion: हमें और हमारी टीम को आशा रहेगी कि,आपको ब्रह्मेश्वर धाम सरकार से जुड़े सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त हो गई होगी। ब्रह्मेश्वर धाम से जुड़ी हर खबर पाने के लिए आप हमारी साइड पर दोबारा विजिट कर सकते हैं। धन्यवाद
- ब्रह्मेश्वर धाम सिद्ध पीठ से जुड़ी सभी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें:
🔯ब्रह्मेश्वर धाम पीठाधीश्वर महाराज वर्तमान में कहां है?
🔯ब्रह्मेश्वर धाम सिद्धपीठ का मोबाइल नंबर क्या है?
🔯ब्रह्मेश्वर धाम सरकार छतरपुर मध्य प्रदेश
🔯ब्रह्मेश्वर धाम के बारे में संपूर्ण जानकारी
🔯ब्रह्मेश्वर धाम पीठाधीश्वर जीवन परिचय
🔯ब्रह्मेश्वर धाम सिद्ध पीठ की महिमा
🔯ब्रह्मेश्वर धाम सिद्ध पीठ की महिमा
🔯सतना से ब्रह्मेश्वर धाम कैसे जाएं?
🔯दिल्ली से ब्रह्मेश्वर धाम कैसे जाएं?
🔯भोपाल से ब्रह्मेश्वर धाम कैसे जाएं?
🔯सागर से ब्रह्मेश्वर धाम कैसे जाएं?
🔯इंदौर से ब्रह्मेश्वर धाम कैसे जाएं?
🔯मुंबई से ब्रह्मेश्वर धाम कैसे जाएं?
Pandit lovelesh Tiwari ji ka parivar
pithadhishwar Maharaj ka parivar
Maharaj ji ki Mata ka naam
Pandit lovelesh Tiwari biography
brahmeshwar Dham Chhatarpur
brahmeshwar Dham Chhatarpur Madhya Pradesh
brahmeshwar Dham Ki Mahima
brahmeshwar Dham kahan hai
brahmeshwar Dham Maharaj
Pandit lovelesh Tiwari
Brahmeshwar dham maharaj biography
जय श्रीराम
ReplyDeleteजय श्रीराम
जय श्री राम जय ब्रह्मेश्वर धाम
ReplyDeleteजय श्री सीताराम
ReplyDelete