Skip to main content

बक्सवाहा जंगल दुनिया की सबसे बड़ी हीरा खदान में से एक(Bharat mein Hira Ki Sabse Badi khadan)

बक्सवाहा का जंगल मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में है। जहां अनुमान लगाया जा रहा है,कि देश का सबसे विशाल हीरों भंडार दबा हुआ है। करीब 3.42 करोड़ कैरट हीरे यहां दबे होने का अनुमान है और इसे निकालने के लिए करीब 383 हेक्टेअर जंगल को काटकर उस जमीन के भीतर दबे हीरों को निकाला जाएगा। 1 कैरेट हीरे की कीमत करीबन 300000 से 3000000 के बीच में हो सकती है। हम अंदाजा लगा सकते है कि कई और वो की संपत्ति इन जंगलों में दबी हुई है।

मध्य प्रदेश के के बक्सवाहा के जंगलों को काटकर company कंपनी हीरे निकाल सकती है,लेकिन स्थानीय लोग कहते हैं, कि उन्हें हीरे नहीं वे दो लाख पेड़ चाहिए।(जो खनन करते समय काटे जाएंगे)


Bharat mein hire ki khadan kahan hai

Bharat mein hire ki khadan

buxwaha Hiran khadan

buxwaha Hira khadan

buxwaha forest news

buxwaha forest

+🛸1.1.पर्यावरण एवं प्राणी संरक्षण गंभीर विषय

+🛸1.2.हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक

+🛸1.3.पर्यावरण संरक्षक एवं पर्यावरणविदों की चिंता

+🛸1.4.बक्सवाहा एक ऐतिहासिक जंगल 

+🛸1.5.याची द्वारा हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका

+🛸1.6.3.42 करोड़ कैरट हीरे खदान

+🛸1.7.वन विभाग के सर्वे में अनुमानित पेड़ों की संख्या

+🛸1.8.ऑस्ट्रेलियाई कंपनी रियो टिंटो का सर्वे

+🛸1.9.भारत की तीन इकलौती हीरा खदान

Bharat mein hire ki khadan kahan hai

Bharat mein hire ki khadan

buxwaha Hiran khadan

buxwaha Hira khadan

buxwaha forest news

buxwaha forest

🪐पर्यावरण एवं प्राणी संरक्षण गंभीर विषय:

जब पर्यावरण दुनिया में प्राणी जीवन का सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है, तब प्रकृति की कीमत पर प्रगति चाहिए या नहीं। यह सवाल जगह-जगह अदालतों और सरकारों के सामने है,चाहे वो राज्य सरकार हो या फिर केंद्र सरकार। भारत के मध्य प्रदेश में हीरा खनन के लिए दो लाख पेड़ काटने की योजना को लेकर स्थानीय आदिवासी और सरकार के बीच संघर्ष चल रहा है।

हीरे की खदानों के लिए मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित बक्सवाहा के घने जंगलों को काटने की प्रक्रिया पर फिलहाल मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रोक लगा दी,लेकिन जंगल और वहां मौजूद वन्यजीव को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे लोगों को अभी भी कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।

🪐पर्यावरण संरक्षक एवं पर्यावरणविदों की चिंता:

पर्यावरणविदों की चिंता, लंबे समय से जंगल को बचाने के लिए चल रहे आंदोलन के अलावा पुरातत्व विभाग की जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश होने के बाद हाईकोर्ट ने तत्काल प्रभाव से खनन पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे। पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है, कि बक्सवाहा जंगल में पाषाणकालीन रॉक पेंटिंग्स हैं, जिन्हें खनन की वजह से नुकसान पहुंच सकता है।

Bharat mein hire ki khadan kahan hai

Bharat mein hire ki khadan

buxwaha Hiran khadan

buxwaha Hira khadan

buxwaha forest news

buxwaha forest

🪐याची द्वारा हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका:

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रविविजय मलिमथ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ल की पीठ ने इस मामले में दायर दो याचिकाओं की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए हैं। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से दायर याचिका में कहा गया है,कि जंगल में हजारों साल पुरानी चट्टानी पेंटिंग्स की जानकारी देने के बाद भी पुरातत्व विभाग ने इसे संरक्षित क्षेत्र घोषित नहीं किया है।

🪐बक्सवाहा एक ऐतिहासिक जंगल:

याचिकाकर्ता के वकील सुरेंद्र वर्मा के मुताबिक, इसी साल 10 से 12 जुलाई के बीच पुरातत्व विभाग ने बक्सवाहा जंगल में सर्वे का काम पूरा कर लिया था और उसी रिपोर्ट को हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया गया है। सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि, इसी सर्वे के आधार पर खनन पर रोक लगाने की मांग की गई थी। पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है,कि इस जंगल में कल्चुरि और चंदेल काल की कई मूर्तियां और स्तंभ भी हैं और खनन की वजह से इन्हें भी नुकसान पहुंच सकता है।

🪐याची द्वारा हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका:

मामले में एक अन्य याचिका में जंगल कटने की वजह से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को मुद्दा बनाया गया था और कोर्ट(हाई कोर्ट) से इस पर रोक लगाने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया है,कि हीरा खनन के लिए करीब सवा दो लाख पेड़ों को काटा जाना है। याचिका के मुताबिक, यह जंगल पन्ना टाइगर रिजर्व से लगा हुआ है और यह टाइगर कॉरिडोर में भी आता है।

याचिकाकर्ताओं के मुताबिक, इस जंगल के कटने से न सिर्फ बुंदेलखंड जैसे सूखे से जूझ रहे क्षेत्र के पर्यावरण को गंभीर खतरा होगा बल्कि वन्य जीवों पर भी गंभीर संकट आ जाएगा। आज हम सभी जान रहे हैं,कि वर्तमान समय में बुंदेलखंड क्षेत्र भयंकर सूखे जैसी आपदाओं से गुजर रहा है।

Bharat mein hire ki khadan kahan hai

Bharat mein hire ki khadan

buxwaha Hiran khadan

buxwaha Hira khadan

buxwaha forest news

buxwaha forest

🪐3.42 करोड़ कैरट हीरे खदान:

बक्सवाहा का जंगल मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में है। जहां अनुमान लगाया जा रहा है,कि देश का सबसे विशाल हीरों भंडार दबा हुआ है। करीब 3.42 करोड़ कैरट हीरे यहां दबे होने का अनुमान है और इसे निकालने के लिए करीब 383 हेक्टेअर जंगल को काटकर उस जमीन के भीतर दबे हीरों को निकाला जाएगा। 

🪐वन विभाग के सर्वे में अनुमानित पेड़ों की संख्या:

वन विभाग ने जंगल के पेड़ों की अनुमानित संख्या करीब सवा दो लाख बताई है और खनन के दौरान इन सभी पेड़ों को काटना पड़ेगा। इन पेड़ों में सबसे ज्यादा इमारती लकड़ी सागोन के हैं। इसके अलावा पीपल, तेंदू, जामुन, अर्जुन और कई औषधीय पेड़ भी यहां मौजूद हैं। भारत में अभी तक का सबसे बड़ा हीरा भंडार छतरपुर के ही पास पन्ना जिले में है, जबकि बक्सवाहा में पन्ना से 15 गुना ज्यादा हीरे निकलने का अनुमान लगाया जा रहा है।

🪐ऑस्ट्रेलियाई कंपनी रियो टिंटो का सर्वे:



मध्य प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड क्षेत्र में हीरे की खोज के लिए साल 2000 में ऑस्ट्रेलियाई कंपनी रियो टेंटो(rio tento) की मदद से एक सर्वे कराया था। सर्वे के दौरान टीम को कुछ जगहों पर किंबरलाइट(kimberlite) पत्थर की चट्‌टानें दिखाई दीं। और हीरा इन्हीं किंबरलाइट की चट्‌टानों में मिलता है।

सन 2002 में ऑस्ट्रेलियाई company रियो टिंटो को बक्सवाहा के जंगल में हीरे तलाशने का काम औपचारिक रूप से मिल गया। लंबे शोध के बाद कंपनी ने खनन की तैयारियां शुरू कीं लेकिन स्थानीय लोगों और पर्यावरणविदों के विरोध चलते रियो टिंटो ने साल 2016 में इस परियोजना से खुद को अलग कर लिया। तीन साल पहले यानी साल 2019 इसकी दोबारा नीलामी की गई और हीरों की खदान का नया लाइसेंस आदित्य बिड़ला ग्रुप की एस्सेल माइनिंग कंपनी को मिला।

Bharat mein hire ki khadan kahan hai

Bharat mein hire ki khadan

buxwaha Hiran khadan

buxwaha Hira khadan

buxwaha forest news

buxwaha forest

🪐वन जाएगा तो जीवन जाना संभव है:

खनन और पर्यावरण जैसे मामलों में सक्रिय रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार आशीष सागर कहना हैं,कि लोग लंबे समय से इसका विरोध कर रहे हैं,लेकिन सरकार हीरों के लालच में जंगल नष्ट करने पर तुली हुई है।

आशीष कहते हैं, "हीरे निकालने के लिए पेड़ काटने से पर्यावरण को भारी नुकसान होना तय है। इसके अलावा वन्यजीवों पर भी संकट आ जाएगा। सरकार और कंपनी हर स्तर पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं और बता रहे हैं,कि कोई नुकसान नहीं होगा,लेकिन पहले एनजीटी और अब हाईकोर्ट ने भी इसकी गंभीरता को महसूस किया है। मई 2017 में सरकार ने जो रिपोर्ट पेश की थी उसमें तेंदुआ, गिद्ध, भालू, बारहसिंगा, हिरण, मोर जैसे वन्यजीवों के होने की बात कही गई थी,लेकिन अब नई रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि ये वन्यजीव यहां नहीं हैं।

छतरपुर के ही रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अमित भटनागर साल 2007 से ही पर्यावरण को होने वाले नुकसान और जंगल में मौजूद प्रागैतिहासिक साक्ष्यों के नष्ट हो जाने के खतरे के कारण खनन के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। अमित भटनागर का कहना,कि स्थानीय लोगों और कई आदिवासी समुदाय के लोगों की आजीविका जंगल से ही चल रही है और जंगल के नष्ट होने से हजारों लोगों के सामने आजीविका का संकट आ जाएगा।

🪐लोगों की रोजीरोटी और नया वन:

बक्सवाहा जंगल के आस-पास के गांव वालों का कहना है,कि वे लोग जंगल के फलों, पत्तियों और लकड़ियों को बेचकर साल भर में सत्तर-अस्सी हजार रुपये कमा लेते हैं और यह उनकी आजीविका के लिए पर्याप्त होता है।

राज्य सरकार यह जमीन इस कंपनी को 50 साल के लिए लीज पर दे रही है और जंगल में 62.64 हेक्टेयर क्षेत्र हीरे निकालने के लिए चिह्नित किया गया है। यहीं पर खदान बनाई जाएगी. लेकिन कंपनी ने 382.131 हेक्टेयर का जंगल इसलिए मांगा है ताकि बाकी 205 हेक्टेयर जमीन का उपयोग खदानों से निकले मलबे को डंप करने में किया जा सके।

छतरपुर के मुख्य वन संरक्षक पीपी.टिटारे कहते हैं, "जिस इलाके में खनन होना है, वहां के जंगल में करीब 2.15 लाख पेड़ हैं। इस जंगल के बदले बक्सवाहा तहसील में ही उतनी ही राजस्व जमीन को वनभूमि में बदलने का प्रस्ताव छतरपुर के डीएम ने दिया है और इस जमीन पर उससे भी ज्यादा पेड़ लगाए जाएंगे। यहां जंगल विकसित करने में जो भी खर्च आएगा, उसे खनन करने वाली कंपनी देगी।

Bharat mein hire ki khadan kahan hai

Bharat mein hire ki khadan

buxwaha Hiran khadan

buxwaha Hira khadan

buxwaha forest news

buxwaha forest

🪐भारत की तीन इकलौती हीरा खदान:



भारत में आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश तीन ही राज्य ऐसे हैं,जहां हीरा खनन होता है। इनमें से मध्य प्रदेश में देश का करीब 90 फीसद हीरे का उत्पादन होता है।

राज्य के खनन मंत्री बीपी. सिंह ने पिछले दिनों दावा किया था ,कि बक्सवाहा के जंगल बहुत घने नहीं हैं, लेकिन जंगल को देखने और स्थानीय लोगों से बात करने पर उनका दावा सही नहीं लगता है। अमित भटनागर कहते हैं,कि जंगल में आपको महज दो-चार किमी अंदर चलने में भी कई घंटे लग जाएंगे। उनके मुताबिक, यह उत्तर भारत के सघन जंगलों में से एक है 

🔯इन दिनों पन्ना में क्यों निकाल रहे ज्यादा हीरे?

🔯जगतगुरु शंकराचार्य के कुछ बयान विवादित क्यों रहते थे?

🔯ब्रह्मेश्वर धाम पीठाधीश्वर महाराज जी का परिवार

🔯ब्रह्मेश्वर धाम पीठाधीश्वर महाराज कहां है?

🔯ब्रह्मेश्वर धाम सिद्ध पीठ का मोबाइल नंबर क्या है?

🔯ब्रह्मेश्वर धाम पीठाधीश्वर जी का जीवन परिचय

🔯ब्रह्मेश्वर धाम सिद्ध पीठ में दरबार कब लगेगा?

🔯ब्रह्मेश्वर धाम सिद्धपीठ संपूर्ण जानकारी

🔯ब्रह्मेश्वर धाम सिद्ध पीठ कहां है?

Bharat mein hire ki khadan kahan hai

Bharat mein hire ki khadan

buxwaha Hiran khadan

buxwaha Hira khadan

buxwaha forest news

buxwaha forest


Comments

Popular posts from this blog

G20 शिखर सम्मेलन 2023:G20 summit conference 2023:

G20 खजुराहो शिखर सम्मेलन 2023:G20 khajuraho summit conference 2023: G20 शिखर सम्मेलन 2023 में शामिल होने वाले विश्व के विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधि खजुराहो के सुंदर छवि को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए। गुरुवार शाम को वसुदेव कुटुंबकम के साथ अतिथि देवो भव के क्रम में इनका बुंदेली परंपरा के अनुसार तिलक लगाकर स्वागत किया गया। इसके बाद सभी प्रतिनिधियों ने मंदिर दर्शन किए। वहीं कुछ प्रतिनिधि शुक्रवार सुबह से ही खजुराहो के वैभव को देखने के लिए निकल गए। सामान्य तथ्य: जी-20 खजुराहो शिखर सम्मेलन, 2023 मेजबान देश-             भारत दिवस-                      23 से 25 फरवरी 2023 Motto-                   एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य स्थल-                       खजुराहो(विश्व पर्यटन नगरी) नगर-                        खजुराहो, भारत प्रतिभागी-                  जी-20 के सदस्य देश पूर्व सम्मेलन-              जी-20 बाली शिखर सम्मेलन, 2022 आगामी सम्मेलन-        जी-20 ब्राजील शिखर सम्मेलन,2024 छतरपुर मध्य प्रदेश: विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन की पहली बैठक में शामिल होने आए प्रतिनिधियों

फोरलेन सागर से कबरई, सागर- कानपुर मुआवजा

232 किलोमीटर लंबा बनेगा यह फोरलेन, एमपी के 57 गांवों की जमीन खरीदने-बेचने पर लगी रोक। 232 किलोमीटर लंबे फोरलेन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया चल रही है। अधिसूचना के मुताबिक जिले की 4 तहसीलों महाराजपुर, छतरपुर,बिजावर और बड़ामलहरा में भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। फोरलेन सागर से कबरई कानपुर से कबरई रोड प्रोजेक्ट सागर- कानपुर फोरलेन बड़ा मलहरा बाईपास  फोरलेन मुआवजा बंडा बाईपास का काम चालू कब होगा

केन बेतवा लिंक परियोजना मुआवजा वितरण कैंप (ken betwa pariyojana kitna muabja milega)

केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी नदी जोड़ो परियोजना केन बेतवा लिंक नहर परियोजना के लिए लगभग सभी प्रकार की तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। पन्ना और छतरपुर जिले के विस्थापित होने वाले किसानों व परिवारों को मुआवजा दिलाने संबंधी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रभावित होने वाले प्रत्येक गांव में अफसरों की टीमें तैनात की गई हैं। जिसमें अधिकारियों द्वारा प्रभावित होने वाले लोगों के परिवार संबंधी जानकारियों को एकत्रित किया जा रहा है। Ken Betwa link Pariyojna latest news Ken Betwa link Pariyojna UPSC  River interlinking project UPSC Ken Betwa river inter linking project first river interlinking project in India Indian riverse interlinking project विस्थापित होने वाली परिवार के लोगों को मुआवजा दिया जा सके। आज बुंदेलखंड क्षेत्र भयंकर सूखे से गुजर रहा है,जिससे निजात दिलाने के लिए अटल बिहारी बाजपेई सरकार के शासन काल में शुरू हुई यह परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए रोजगार एवं कृषि क्षेत्र के नए अवसर किसानों को प्रदान करेगी। जल को ही जीवन माना जाता है। इससे तय है,कि बाढ़ एवं सूखा प्रभावित किसानों को संतुलित खे